Moringa Farming से 1.75 करोड़ टर्नओवर, 3000 किसानों के साथ काम | किसान दंपत्ति की अनोखी कहानी, आ जायेगा मजा |

Moringa Farming से 1.75 करोड़ टर्नओवर, 3000 किसानों के साथ काम
Moringa farming

Moringa Farming: सुपरफूड की खेती और इसकी सफलता की कहानी

Moringa Farming :आज के दौर में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इसी क्रम में, मोरिंगा (सहजन) को एक सुपरफूड के रूप में पहचान मिली है, जो अपने अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के कारण वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है।

Moringa Farming मोरिंगा: पोषण से भरपूर सुपरफूड

मोरिंगा में 92 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बनाते हैं। इसमें एंटी-कैंसर, एंटी-एजिंग, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इसे एक अनमोल औषधीय पौधा बनाते हैं।

Moringa Farming से किसान जोड़ी की प्रेरणादायक यात्रा

जितेंद्र और सरला मान, जो कभी एक इंजीनियर और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े थे, उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं के चलते खेती की ओर रुख किया। 2018 में उन्होंने दिल्ली से सोनीपत के महमूदपुर गांव में दो एकड़ जमीन पर मोरिंगा की खेती शुरू की, जो अब बढ़कर सात एकड़ तक फैल गई है। उनकी मेहनत और बायो-ऑर्गेनिक खेती तकनीकों के कारण उनकी फसल की गुणवत्ता असाधारण बनी हुई है।

Moringa Farming बढ़ती मांग और वैश्विक विस्तार

मोरिंगा का पाउडर बेहद मांग में है और अब उनका उत्पादन अमेरिका, कनाडा, और न्यूजीलैंड समेत कई देशों तक पहुंच रहा है। उनके जैविक उत्पाद भारतीय बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों से अधिक गुणवत्तापूर्ण माने जाते हैं।

Moringa Farming और स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों का विकास

जितेंद्र और सरला सिर्फ मोरिंगा पाउडर तक सीमित नहीं हैं। वे मोरिंगा के कैप्सूल और लिक्विड फॉर्म जैसे अन्य उत्पादों का भी विकास कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने हल्दी, बीटरूट पाउडर, अश्वगंधा, और सफेद मुसली जैसे अन्य स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों का भी उत्पादन शुरू किया है। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि हल्दी में करक्यूमिन और तेल उसके स्वास्थ्य लाभों के साथ ही ग्राहकों तक पहुंचे।

Moringa Farming बायो-ऑर्गेनिक खेती की सफलता

इनकी खेती में मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए गोबर खाद और जैविक विधियों का उपयोग किया जाता है। उनकी भूमि में कछुओं की उपस्थिति भी मिट्टी को और अधिक उपजाऊ बनाती है। इससे उनकी फसलें अधिक स्वस्थ और प्रभावी होती हैं।

संकट में अवसर: एक नई दिशा

स्वास्थ्य समस्याओं से प्रेरित होकर जितेंद्र और सरला ने खेती में कदम रखा, जो आज एक सफल व्यवसाय में तब्दील हो गया है। यह दिखाता है कि यदि व्यक्ति सही समय पर सही निर्णय ले, तो संकट भी एक नए अवसर में बदल सकता है।

भविष्य की योजनाएं और सामाजिक योगदान

मोरिंगा की बढ़ती मांग को देखते हुए यह जोड़ी अपने उत्पादन को और बढ़ाने की योजना बना रही है। वे न केवल अपने व्यापार का विस्तार कर रहे हैं बल्कि समाज को भी बेहतर स्वास्थ्य विकल्प प्रदान कर रहे हैं। उनका उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक और जैविक उत्पाद उपलब्ध कराना है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हों।

निष्कर्ष

मोरिंगा की खेती न केवल एक लाभकारी व्यवसाय बन रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए भी वरदान साबित हो रही है। जितेंद्र और सरला की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है, जो कृषि क्षेत्र में कदम रखने की सोच रहे हैं। यह जोड़ी न केवल एक सफल व्यवसाय चला रही है, बल्कि समाज के स्वास्थ्य और सतत विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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