10 Lakh Month Google से कमाता है गाँव का Blogger! Earning $12000/Month from Google Adsense ! 

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ब्लॉगिंग: क्या अब भी है सही समय और किस तरह हासिल करें सफलता?

हाल के एक इंटरव्यू में, शिवम नामक एक सफल ब्लॉगर ने ब्लॉगिंग के मामले में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि पिछले महीने उनकी आय लगभग $1247 रही, जिसमें उनका RPM (रेट पर हजार इंप्रेशंस) $9 था। शिवम का कहना है कि ब्लॉगिंग अब भी एक लाभकारी क्षेत्र है, बशर्ते सही तरीके से किया जाए।

एक नए ब्लॉगर के लिए सही कदम

ब्लॉगिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले नए ब्लॉगर्स को समझना चाहिए कि यह सिर्फ लिखने का काम नहीं है। सही डोमेन नाम और होस्टिंग का चयन करना बेहद जरूरी है। शिवम ने साझा किया कि उन्होंने $250 का डोमेन नाम खरीदा था, जो एक स्थापित मैगज़ीन साइट का था।

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यह भी सच है कि महंगा डोमेन हमेशा अच्छा काम नहीं करता; कभी-कभी सस्ता डोमेन भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। सही बैकलिंक्स और SEO के उपयोग से डोमेन की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

डोमेन और रिसर्च का महत्व

शिवम ने बताया कि वे एक्सपायर डोमेन का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें प्रारंभिक ट्रैफिक मिलता है। ब्लॉगिंग में सफलता के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि ब्लॉगर्स अपने डोमेन का चुनाव सुविधाजनक तरीके से करें और अच्छे बैकलिंक्स की जांच करें।

अगर कोई भी ब्लॉगर सही क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करता है, तो उसे निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। शिवम ने सुझाव दिया कि नए ब्लॉगर को एक निचे़ (niche) में काम करना चाहिए, जैसे कि रेसिपीज़, ज़ोडियाक साइंस, या बेले फैट, क्योंकि ये रिसर्च के अनुसार खोजी जाने वाली चीजें हैं।

डिस्कवर से कैसे मिले ट्रैफिक?

शिवम ने बताया कि वे “डिस्कवर” का उपयोग करते हैं, जो गूगल का एक फीचर है। यह उन यूज़र्स को लेटेस्ट और संबंधित कंटेंट दिखाता है जो उनके समय की आवश्यकता के हिसाब से होते हैं। यह सही दिशा में ब्लॉग को मैनेज करने का एक तरीक़ा है।

ब्लॉगर्स के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने कंटेंट को अधिकतम यूज़र्स तक पहुँचाएं। उदाहरण के लिए, जो लोग एंड्रॉइड या आईओएस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए डिस्कवर का इस्तेमाल करते हुए ट्रैफिक को बढ़ाना संभव है।

ब्लॉगिंग की चुनौतियाँ और उपाय

ब्लॉगिंग में बहुत सी चुनौतियाँ आती हैं, जैसे कि डोमेन प्राइसिंग या सही निचे का चयन। शिवम का कहना है कि उन्हें महंगे डोमेन खरीदने में कुछ अनुभव हुआ है, और इसीलिए उन्हें सलाह है कि ब्लॉगर्स को अपने बजट के भीतर रहना चाहिए।

इसके साथ ही, नए ब्लॉगर्स को धैर्य रखना चाहिए। शुरुआत में आय कम हो सकती है, लेकिन यदि सही रणनीति अपनाई जाए तो यह बढ़ सकती है।

सामग्री के लिए लिखने के तरीके

शिवम की टीम में लगभग 22 लोग शामिल हैं, जो कंटेंट लिखते हैं। वे अपने लेखों को सीधे और स्पष्ट रखते हैं, जिससे अधिकतर लोग समझ सकें। हर आर्टिकल की लंबाई 500-600 शब्द होती है और इसमें मुख्य रूप से बिंदुवार जानकारी दी जाती है।

इसके अलावा, थंबनेल और टैग्स भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोई भी ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म सफल नहीं हो सकता यदि उसकी लिंकिंग और प्रीव्यू ठीक नहीं है।

निष्कर्ष: क्या 2025 में ब्लॉगिंग करना चाहिए?

शिवम ने कहा कि यदि आप नए ब्लॉगर हैं और इस क्षेत्र में कूदने का सोच रहे हैं, तो आपकी तैयारी सबसे महत्वपूर्ण है। आपको नॉलेज प्राप्त करनी होगी और सही दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। हिंदी और इंग्लिश दोनों में ब्लॉग्स की मांग है, इसलिए आपको अपने लक्षित दर्शकों को ध्यान में रखकर सामग्री तैयार करनी चाहिए।

समाप्ति में, हम यह कह सकते हैं कि ब्लॉगिंग अब भी एक सर्वश्रेष्ठ व्यवसाय मॉडल है। यदि सही तरीके से और ध्यानपूर्वक किया जाए तो यह आने वाले वर्षों में भी सही रहेगा।

यदि आप ब्लॉगिंग करना चाहते हैं या इस क्षेत्र में बेहतर जानकारी और समर्थन प्राप्त करना चाहते हैं, तो शिवम की तरह सफलताओं की ओर बढ़ना आपके लिए भी संभव है।और सम्पूर्ण आर्टिकल पड़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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Farmers are earning in dollars from Moringa Farming

Moringa Farming मोरिंगा की खेती: एक सुनहरा अवसर किसानों के लिए

Moringa Farming: मोरिंगा, जिसे “चमत्कारी पेड़” भी कहा जाता है, आज के समय में किसानों के लिए एक प्रमुख फसल बनती जा रही है। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के महादेव मोरे ने इस फसल की खेती में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। उनके अनुभवों के अनुसार, मोरिंगा की पत्तियों की कीमत सीजन के अनुसार ₹80 प्रति किलो तक हो सकती है, और इस फसल की मार्केटिंग में कोई कमी नहीं है।

Moringa Farming के ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग के तरीके

मोरिंगा (Moringa Farming) की पत्तियों का उत्पादन पूरे भारत में किया जा सकता है। आजकल, किसान विभिन्न ट्रांसपोर्ट विकल्पों का उपयोग करके कहीं से भी अपना माल भेज सकते हैं। ऐसे में रेल ट्रांसपोर्ट, लोकल ट्रांसपोर्ट जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। यह बहुत आसान है कि किसान 25 किलो से लेकर 5 टन तक का सामान आसानी से एक जगह से दूसरी जगह भेज सकते हैं।

हालांकि, यह भी सच है कि किसान अक्सर बिक्री में दिक्कतों का सामना करते हैं। महादेव मोरे का कहना है कि उन्होंने पिछले चार साल में मार्केटिंग के तरीकों को समझा है और अब वे किसी भी स्टेट से माल बेचने में सक्षम हैं। यदि किसान खुद मार्केटिंग नहीं कर पाते, तो वे मोरे से संपर्क कर सकते हैं, जो उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।

Moringa Farming का खर्च और लाभ की गणना

मोरिंगा की खेती के प्रारंभिक खर्च की बात करें, तो पहले साल में लगभग ₹50,000 से ₹60,000 का खर्च आता है, जिसमें खेत की तैयारी और बीज लगाना शामिल है। महादेव मोरे के अनुसार, एक एकड़ में साल में औसतन 4 से 5 टन मोरिंगा की पत्तियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। यदि इसे ₹80 प्रति किलो की दर से बेचा जाए, तो कुल बिक्री ₹4,00,000 तक हो सकती है।

एक बार मोरिंगा का पौधा लगाने पर, यह 8 से 10 साल तक उत्पादन देता है, जिसमें साल में लगभग छह कटिंग होती हैं। इस प्रकार, किसान दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार संभव है।

मौजूदा बाजार की स्थिति

मोरिंगा Moringa Farming की मांग तेजी से बढ़ रही है, विशेष रूप से एक्सपोर्ट बाजार में। महादेव मोरे ने बताया कि हाल ही में उन्होंने अमेरिका के लिए एक्सपोर्ट किया है, जहाँ भारतीय बाजार से अधिक कीमत मिल रही है। भारतीय किसानों के लिए दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान जैसे गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में यह फसल उपजाऊ मानी जाती है।

कोई भी विकसित देश जैसे अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, और रूस इसकी उत्पादन की संभावनाओं से दूर है, जिसके कारण इन देशों में मोरिंगा की अत्यधिक मांग है। यह एक सुपरफूड के रूप में पहचान बना चुका है, जिसके हेल्थ बेनेफिट्स की चर्चा बढ़ रही है।

Moringa Farming से किसान कमा रहा डॉलर में ,आप भी कामना.. फायदे

मोरिंगा की खेती के कई फायदे हैं। यह न केवल कम पानी में बड़ता है, बल्कि प्राकृतिक उर्वरक और पेस्टीसाइड का उपयोग भी बहुत कम होता है। अन्य फसलों की तुलना में, मोरिंगा में बचत की संभावनाएँ ज्यादा हैं क्योंकि इसकी खेती में लेबर की जरूरत कम होती है।

यहां तक कि अगर कोई किसान खुद से मार्केटिंग नहीं करना चाहता, तो वह मोरे जी से अपनी पत्तियाँ सुखाकर बेचने के लिए संपर्क कर सकता है। उनका कहना है कि वे तुरंत इसकी बिक्री में सहायता करते हैं।

Moringa Farming से  ,आप भी कामना..किसानों के लिए मार्गदर्शन

महादेव मोरे ने कहा कि उनकी टीम किसानों को पौधों को लगाने से लेकर कटाई और बिक्री तक पूरी मार्गदर्शन देती है। वे किसानों को सही जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराते हैं ताकि वे इस फसल की खेती में सफलता प्राप्त कर सकें।

किसान भाइयों, यदि आप मोरिंगा की खेती करना चाहते हैं या इसे लेकर किसी प्रकार की जानकारी चाहते हैं, तो आप महादेव मोरे से संपर्क कर सकते हैं। इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाकर आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

निष्कर्ष: मोरिंगा की खेती किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है जिसमें न केवल मुनाफा है, बल्कि यह उचित निवेश भी है। सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ, किसान अपनी फसल को अच्छी तरह से उगाकर उल्लेखनीय लाभ कमा सकते हैं।

Note- किसान भाइयो किसी भी कार्य को करने से पहले अपनी सूझ बूझ से करें हम सिर्फ आपके मोटिवेशन के लिए किसानों की कहानी लेकर आते रहते अगर कहानियां आपको पसंद आती हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें comment कर सकते हैं

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