Gadar 2 Movie income: गदर 2 मूवी ने की अब तक की सबसे बड़ी कमाई

Gadar 2 Movie income: गदर 2 मूवी ने की अब तक की सबसे बड़ी कमाई

Gadar 2 Movie:जैसा कि आप जानते हैं कि ग़दर 2 मूवी (Gadar 2 Movie) सिनेमा घरों में रिलीज होने के बाद भी इसका क्रेज थमने का नाम नहीं ले रहा है जिस समय ग़दर 2 मूवी (Gadar 2 Movie)सिनेमा लगाई गई तब लोगों के बैठने के लिए जगह नहीं थी ,सिनेमा घर हाउस फुल रहे थे, लोग आज भी इस फिल्म को लेकर उत्सुक रहते हैं |

Gadar 2 Movie “Gadar: Ek Prem Katha” का 2nd वर्जन

आपको बता दें कि Gadar 2 Movie “Gadar: Ek Prem Katha” का 2nd वर्जन है|चलिए आपको ग़दर एक प्रेम कथा फिल्म के बारे में बताते हैं | एक भारतीय फिल्म है जो 2001 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का निर्देशक अनिल शर्मा थे और इसके मुख्य भूमिकाओं में सनी देओल, अमीषा पटेल, अमृता सिंह, लिली चाक्रवर्ती, और ओम पुरी शामिल थे। फिल्म ने बॉलीवुड में बड़ी ही सफलता प्राप्त की थी और इसने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की थी।

यह कहानी 1947 के भारत-पाक विभाजन के समय की है और एक हिन्दू युवक तारा सिंह (सनी देओल) और मुस्लिम कन्हैया लाल (अमीषा पटेल) के बीच एक प्रेम कथा को दिखाती है। तारा सिंह अपनी प्रेमिका कन्हैया लाल के साथ मिलने के लिए पाकिस्तान जाता है लेकिन फिर उनका बचपन का दोस्त साखी (अमृता सिंह) उन्हें वापस लाने के लिए आता है और वहाँ होने वाले हिंसक घटनाओं के बीच कहानी बढ़ती है।

“Gadar: Ek Prem Katha” ने अपनी कड़ी रोमांटिक कहानी, अद्वितीय गीतों, और सनी देओल की शानदार प्रदर्शनी के लिए स्मृति में रही है और इसने सोशल इस्यूज़ और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

Gadar 2 Movie की कहानी

“गदर 2” की कहानी (Gadar 2 Movie) 1971 के भारत-पाक युद्ध के आरंभ से पहले हुई घटनाओं पर केंद्रित है। पिछली फिल्म में, तारा सिंह ने सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए अपनी पत्नी सकीना को पाकिस्तान से भारत लाया था। ‘गदर 2’ की कहानी (Gadar 2 Movie) में, तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) अब भारत में हैं और एक सुखद जीवन बिता रहे हैं।

इस कहानी में, उनका जीवन नई चुनौतियों और उत्साहभरे मोड़ों पर जाता है, जहां वे अपने देश और प्रेम के लिए अपने जीवन को समर्पित करते हैं। ग़दर 2 मूवी (Gadar 2 Movie) एक देशभक्ति और प्रेम की ऊँची उड़ान की कहानी है जो राष्ट्रीय इतिहास के महत्वपूर्ण समय सीमा में घटित होती है। “गदर 2” (Gadar 2 Movie) ने देशभक्ति, साहस, और प्रेम की उच्च भावनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया है और दर्शकों को एक नए दृष्टिकोण से इस ऐतिहासिक समय की दीप समझ लेने का मौका दिया है।

Gadar 2 Movie Free: में देखें

आपको बता दें कि गदर 2″(Gadar 2 Movie) के प्रशंसकों को इसकी ओटीटी रिलीज के लिए बेहद उत्सुकता थी। अब गदर 2 की ओटीटी रिलीज की जानकारी सार्थक हो रही है। ओटीटी प्ले के अनुसार, “गदर 2” जी5 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होगी। रिपोर्ट के अनुसार, गदर 2 का ओटीटी प्रीमियर 6 अक्टूबर 2023 को जी5 पर आ चुका है। तो आप सभी दर्शक वहां जाकर देख सकते हैं

विवरणफिल्म
फिल्म का नामगदर 2
निर्देशकअनिल शर्मा
संवादकारशक्तिमान तलवार
निर्माताअनिल शर्मा
कलाकारसनी देओल, अमीषा पटेल, लव सिन्हा, उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर, मनीष वाधवा, गौरव चोपड़ा |
सहायक कलाकारकथावाचक: नाना पाटेकर, छायाकार: नज़ीब खान, संपादक: अशफ़ाक मकरानी, संजय संकला, विशाल कुमार, संगीतकार: गीत – मिथुन, स्कोर – मोंटी शर्मा |
निर्माण कंपनियांज़ी स्टूडियोज़, अनिल शर्मा प्रोडक्शन, एम एम मूवीज |
प्रदर्शन तिथि11 अगस्त 2023
लम्बाई170 मिनट
भाषाहिंदी
लागत₹80 करोड़
कुल कारोबार₹684.59 करोड़
Gadar 2 Movie

Gadar 2 Movie income

Gadar 2 Movie 8 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली और इसी के साथ ‘गदर 2’ भारत में 500 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई. नहीं वर्ल्डवाइड भी 691.08 का बिजनेस करने में कामयाब रही. ‘गदर 2’ ने पहले हफ्ते 284.63 करोड़, दूसरे हफ्ते 134.47 करोड़, तीसरे हफ्ते 63.35 करोड़ और चौथे हफ्ते 27.55 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था

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Potato Crop:आलू की फसल को झुलसा रोग से कैसे बचाएं

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Potato Crop:आलू की फसल को झुलसा रोग से कैसे बचाएं

Potato Crop:आलू की फसल को झुलसा रोग से कैसे बचाएं

Potato Crop: इस आर्टिकल में आपको आलू को झुलसा रोग बता दें कि आलू में झुलसा रोग महामारी की तरह है आलू की फसल (Potato Crop) में इस रोग से पत्तों को नष्ट कर तेजी से किसान की फसल को बर्बाद कर देता है, कृषि विज्ञान केंद्र लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश दुबे ने बताया कि आलू के खेतों (Potato Crop)में समय-समय पर जाने और निरीक्षण करने का सही समय क्या है। अगरती झुलसा से बचाव करना है, तो मैंकोजीप और मेटा लेक्सीन की एक ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इससे बीमारी का बचाव होगा।

Potato Crop:आलू में झुलसा रोग कैसे लगता है

Potato Crop Cultivation: इस समय मौसम में बदलाव और कोहरा तापमान में उतार-चढ़ाव व अधिक आर्द्रता की स्थिति बन रही है, जिसके कारण किसान भाइयों के खेत में लगे आलू (Potato Crop) फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना रहती है. अगर यह रोग खेत में लगे आलू की फसल में लग जाए तो देखते ही देखते पूरे खेत को यह बीमारी ग्रसित कर देते हैं

आलू के खेतों में झुलसा रोग के खिलाफ बचाव के लिए, मौसम की बदलती हुई स्थितियों और अधिक आर्द्रता की स्थिति को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यदि आपके खेत में झुलसा रोग की संभावना है, तो निम्नलिखित कदमों को अपनाना चाहिए:

  1. समय पर निरीक्षण: अपने खेतों को नियमित रूप से निरीक्षण करें। अगर किसी भी अनोखे पौधों या पत्तियों को देखा जाता है, तो तुरंत कदम उठाएं।
  2. उचित पोषण: आलू पौधों को सही मात्रा में पोषण प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उर्वरकों की सही संख्या और प्रकार का चयन करें।
  3. उचित दूरी: पौधों के बीच सही दूरी बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। यह रोग के फैलने को रोक सकता है।
  4. कीटनाशकों का उपयोग: यदि रोग की संकेत मिलते हैं, तो उपयुक्त कीटनाशकों का उपयोग करें। लेकिन, इसे ध्यानपूर्वक और उचित मात्रा में करें, ताकि पर्यावरण को हानि ना हो।
  5. समय पर हरित करें: यदि किसान को रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वह तुरंत स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विद्यालय से सलाह लें और समय पर हरित करें।

इन उपायों को अपनाकर, किसान भाइयों को अपने आलू के खेतों में झुलसा रोग से बचने में मदद मिल सकती है।

Potato Crop Cultivation झुलसा रोग कौन सी दवा से हो सकता है ठीक

आपको बता दें कि पछेती झुलसा रोग के लिए मैंकोजेब (इंडोफिल एम 45) या मैंकोजेब दवा का उपयोग करने के लिए आपके द्वारा बताए गए उपायों को अनुसरण करना चाहिए। यहां आपके द्वारा दी गई छिड़काव की मात्रा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।

  1. लक्षण की पहचान: यदि आप आलू के पौधों पर पछेती झुलसा रोग के लक्षण देखते हैं, तो तुरंत छिड़काव का प्रारंभ करें।
  2. मैंकोजेब की मात्रा: 600-800 ग्राम मैंकोजेब (इंडोफिल एम 45) की मात्रा प्रति एकड़ की दर से 4-5 छिड़काव प्रत्येक 15 दिनों के बाद करें।
  3. मौसम की शर्तें: मौसम के ठंडे और नम होने पर, छिड़काव को 7 दिनों बाद भी किया जा सकता है।
  4. सलाह लें: यदि रोग की स्थिति बढ़ती है, तो स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विद्यालय से सलाह लें और उनके द्वारा सुझाए गए उपायों का पालन करें।

इन सावधानियों के साथ, आप आलू के खेतों (Potato Crop)में पछेती झुलसा रोग के खिलाफ सफलता प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान दें कि उपयोग की मात्रा और समय को स्थानीय परिस्थितियों और सलाह के आधार पर बदल सकता है।

Potato Crop झुलसा रोग के लक्षण

इस रोग के प्रारंभिक लक्षण पत्तियों पर रोपोई या बुवाई के 20 से 25 दिन बाद दिखाई देते हैं। सबसे पहले पत्ती के किनारे वाला ऊपरी भाग हल्का नीला-सा हो जाता है तथा फिर मटमैला हरापन लिये हुए पीला सा होने लगता है। रोगग्रसित पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनमें कंसे कम निकलते हैं। दाने पूरी तरह नहीं भरते व पैदावार कम हो जाती है।

आलू की फसल में (Potato Crop)झुलसा रोग, जिसे अंग्रेजी में “Late Blight” भी कहा जाता है, एक सामान्यत: से फसलों पर पाया जाने वाला पथोजेन है जो विभिन्न समयों में अलग-अलग फसलों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आलू और टमाटर पर इसका प्रमुख प्रभाव होता है। यह रोग गर्मी और आर्द्रता की शर्तों में फैलता है।

आलू की फसल में (Potato Crop)झुलसा रोग के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  1. पत्तियों पर काले या हल्के भूरे रंग के दाग: आमतौर पर पहले लक्षण में पत्तियों पर छोटे से बड़े काले या हल्के भूरे रंग के दाग होते हैं।
  2. रोम और फूलों पर बूँदें या धुले दाग: रोग के आगे बढ़ने पर, बूँदें या धुले दाग पत्तियों के बाहर, रोम, और फूलों पर भी दिख सकते हैं।
  3. धुंधला और समेत हो जाना: पत्तियां और फूल धुंधला और समेत हो जाते हैं, जिससे पूरे पौध पर दृश्यमानता कम होती है।
  4. फूलों और फलों का पतन: गंधकीय बूँदें और फूलों का फटना एक और लक्षण हो सकता है, जिससे फल रुखा और अनुपयुक्त हो जाता है।
  5. रोमों का भूरा होना: रोग के प्रभाव के बाद, पौधों के रोमों का भूरा हो जाना एक और लक्षण हो सकता है।

झुलसा रोग का बचाव उचित रोगनाशकों का सही समय पर छिड़काव करके किया जा सकता है। यदि आप इस रोग के संकेतों को देखते हैं, तो स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लें और उपयुक्त उपायों का पालन करें।

Potato Crop झुलसा रोग कितने प्रकार का होता है

झुलसा रोग कई प्रकार का हो सकता है, लेकिन प्रमुख दो प्रजातियां हैं जो फसलों को प्रभावित करती हैं:

  1. फाइटोप्थोरा इन्फेस्टांस (Phytophthora infestans): यह सबसे आम और अधिक प्रभावी प्रजाति है, जो आलू और टमाटर को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण पैड़ना रोग भी कहा जाता है।
  2. फाइटोप्थोरा परासिटिका (Phytophthora parasitica): यह भी एक प्रकार की फाइटोप्थोरा है जो फल सब्जियों और आलू को प्रभावित कर सकती है।

इन प्रजातियों के बीच कुछ छोटी प्रजातियां भी हो सकती हैं, लेकिन अधिकांश झुलसा रोग के प्रदार्थ वर्ग में आती हैं। इन जीवाणुओं का प्रसार गर्मी और आर्द्रता की शर्तों में अधिक होता है।

प्रमुख जीवाणुओं के अलावा, झुलसा रोग के विभिन्न स्ट्रेन हो सकते हैं, जो विभिन्न भू-स्थितियों और पौधों के साथ संगत हो सकते हैं।

झुलसा रोग के खिलाफ बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है समय पर और उचित रूप से रोगनाशकों का इस्तेमाल करना, और आलू जैसी फसलों की अच्छी प्रबंधन प्रथाएँ अपनाना।

Potato Crop आलू की फसल में कितने रोग होते हैं

आलू का पौधा कम से कम 75 बीमारियों और गैर-परजीवी विकारों के प्रति संवेदनशील है, जिनमें से कई उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में आलू उत्पादन क्षेत्रों में लगातार उपज हानि का कारण बनते हैं। आलू एक वानस्पतिक रूप से प्रवर्धित फसल है, और आलू के बीज कंद रोग इनोकुलम का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं।

यहां एक तालिका है जिसमें आलू के पौधों के संवेदनशील होने पर कुछ आम बीमारियों के नाम और कारण दिए गए हैं:

बीमारीलक्षणकारण
फस्फसी या एलर्नियापत्तियों पर सफेद, हरित या पीले दागफंगस इन्फेक्शन (Alternaria solani)
पैड़ना या झुलसापत्तियों पर भूरे या काले दागफंगस इन्फेक्शन (Phytophthora infestans)
रिंग रोटआलू के गोले भागों पर सुर्खियाँबैक्टीरिया (Corynebacterium michiganense)
वायरसी मोसेयकपत्तियों में पीला या सफेद मोसेयकवायरस (Potato virus Y)
लेट ब्लाइट या रिंग रोटपत्तियों पर काले या हरित दागफंगस इन्फेक्शन (Phytophthora infestans)
कुर्कुमा या बैक्टीरियल विल्टपत्तियों में पीला और हरित रंग का आभासबैक्टीरिया (Ralstonia solanacearum)

इस तालिका में विभिन्न आलू बीमारियों के नाम, उनके प्रमुख लक्षण, और कारण दिए गए हैं। आपको इन बीमारियों के संवेदनशील होने पर उपयुक्त उपचार और बचाव के लिए एक विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।

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